“कैसे चुने टैक्स सेविंग के लिए बेस्ट ELSS म्यूचुअल फंड्स?” यह सवाल उन निवेशकों के लिए है जो टैक्स बचाने के साथ-साथ अपने निवेश को भी बेहतर बनाना चाहते हैं। ELSS म्यूचुअल फंड्स, जो Section 80C के तहत टैक्स छूट प्रदान करते हैं, भारतीय निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इन फंड्स का उपयोग करके आप अपने टैक्स लायबिलिटी को कम कर सकते हैं, साथ ही साथ अपने धन को भी बढ़ा सकते हैं।
इस लेख में, हम जानेंगे कि ELSS म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते वक्त किन पहलुओं को ध्यान में रखें, ताकि आप अपने टैक्स सेविंग के साथ-साथ बेहतर रिटर्न भी प्राप्त कर सकें।
ELSS म्यूचुअल फंड्स क्या हैं?
ELSS (Equity Linked Savings Scheme) एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है, जो मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश करता है और Section 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट प्रदान करता है। ये फंड्स लंबी अवधि में उच्च रिटर्न देने का पोटेंशियल रखते हैं, क्योंकि उनका अधिकांश निवेश शेयर बाजार में होता है।
ELSS म्यूचुअल फंड्स के प्रमुख फायदे
- टैक्स बचत:
- ELSS फंड्स में निवेश करने से आप ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।
- कम लॉक-इन पीरियड:
- ELSS फंड्स का लॉक-इन पीरियड केवल 3 साल होता है, जो अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों से कम है।
- उच्च रिटर्न की संभावना:
- क्योंकि ये फंड्स इक्विटी में निवेश करते हैं, इनकी रिटर्न क्षमता बहुत अधिक होती है।
- SIP के जरिए निवेश:
- आप ELSS फंड्स में SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए भी निवेश कर सकते हैं, जिससे निवेश को नियमित और आसान बनाया जा सकता है।
टैक्स सेविंग के लिए बेस्ट ELSS म्यूचुअल फंड्स कैसे चुनें?
जब आप टैक्स सेविंग के लिए ELSS म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखें:
1. फंड का प्रदर्शन (Performance of the Fund)
- पिछले 3-5 वर्षों का प्रदर्शन देखें। अच्छे फंड्स समय के साथ स्थिर और उच्च रिटर्न देते हैं।
- उदाहरण के लिए, Axis Long Term Equity Fund और Mirae Asset Tax Saver Fund दोनों का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है।
2. रिस्क प्रोफाइल (Risk Profile)
- ELSS फंड्स का अधिकांश निवेश इक्विटी बाजार में होता है, जिससे रिस्क ज्यादा हो सकता है।
- आपको फंड के रिस्क लेवल को समझना होगा और अपनी जोखिम सहने की क्षमता के हिसाब से फंड चुनना होगा।
- यदि आप जोखिम कम लेना चाहते हैं, तो हाइब्रिड ELSS फंड्स का चयन करें।
3. फंड मैनेजर का अनुभव (Fund Manager’s Experience)
- फंड मैनेजर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। एक अच्छा और अनुभवी फंड मैनेजर फंड का सही तरीके से प्रबंधन करता है, जिससे बेहतर रिटर्न की संभावना होती है।
- फंड के मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड और उनके निर्णय प्रक्रिया की जांच करें।
4. एग्रेसिव और कंसर्वेटिव फंड का चयन (Aggressive vs Conservative Funds)
- कुछ ELSS फंड्स अधिक एग्रेसिव होते हैं, जबकि कुछ कंसर्वेटिव होते हैं।
- एग्रेसिव फंड्स अधिक रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन उनका रिस्क भी ज्यादा होता है।
- कंसर्वेटिव फंड्स में जोखिम कम होता है, लेकिन रिटर्न भी थोड़े कम होते हैं।
5. फंड की फीस (Expense Ratio)
- एग्जिट लोड और एंटरेंस फीस के बारे में जानें।
- फंड का एक्सपेंस रेशियो कम होना चाहिए ताकि आपका निवेश ज्यादा प्रभावी हो।
- आमतौर पर, 0.5% से 1% तक का एक्सपेंस रेशियो सामान्य होता है।
टैक्स सेविंग के लिए बेस्ट ELSS म्यूचुअल फंड्स
1. Axis Long Term Equity Fund
- यह एक अच्छा एलएसएस फंड है जो लगातार उच्च रिटर्न दे रहा है।
- इस फंड का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा है और यह मिड-सेगमेंट कंपनियों में निवेश करता है, जो लंबी अवधि में अच्छी ग्रोथ देती हैं।
2. Mirae Asset Tax Saver Fund
- यह फंड कम रिस्क वाले निवेशकों के लिए आदर्श है।
- यह फंड लंबे समय में शानदार रिटर्न प्रदान करता है और इसकी फीस भी काफी कम है।
3. ICICI Prudential Long Term Equity Fund
- यह फंड कंसर्वेटिव और एग्रेसिव दोनों निवेशकों के लिए उपयुक्त है।
- इसकी रणनीति बाजार के उतार-चढ़ाव से बचते हुए, लंबे समय तक स्थिर रिटर्न प्रदान करने की है।
4. Aditya Birla Sun Life Tax Relief 96
- यह फंड एक स्टेबल और ट्राईड एंड टेस्टेड फंड है।
- इसका प्रदर्शन लंबी अवधि में अच्छा रहा है और यह एक अच्छा टैक्स सेविंग विकल्प हो सकता है।
निष्कर्ष
“कैसे चुने टैक्स सेविंग के लिए बेस्ट ELSS म्यूचुअल फंड्स?” का सही उत्तर यही है कि आपको अपने निवेश लक्ष्य, जोखिम क्षमता, और टैक्स छूट के उद्देश्यों के अनुसार सही फंड का चयन करना चाहिए। एक अच्छा ELSS फंड आपके टैक्स बचाने के साथ-साथ उच्च रिटर्न भी दे सकता है, बशर्ते आप उचित रिस्क और फंड के प्रदर्शन का मूल्यांकन करें।
आपके टैक्स सेविंग के लिए SIP का उपयोग करते हुए ELSS म्यूचुअल फंड्स एक बेहतरीन और प्रभावी तरीका हो सकता है। अब समय है सही फंड का चयन करने का और टैक्स बचाने के साथ-साथ निवेश की योजना को मजबूत बनाने का।