“कैसे करें अपने म्यूचुअल फंड रिटर्न को टैक्स फ्री” यह सवाल हर निवेशक के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने रिटर्न को अधिकतम करना चाहता है। म्यूचुअल फंड्स में निवेश के दौरान सही रणनीति अपनाकर और टैक्स प्लानिंग के नियमों को समझकर आप अपने रिटर्न को टैक्स फ्री या कम टैक्स योग्य बना सकते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि म्यूचुअल फंड्स में टैक्सेशन कैसे काम करता है, कौन-कौन से टैक्स बचाने के तरीके उपलब्ध हैं, और टैक्स फ्री रिटर्न पाने के लिए कौन-कौन से फंड्स सही हैं।
म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स कैसे लगता है?
म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स आपके निवेश के प्रकार और होल्डिंग पीरियड (कितने समय तक निवेश किया) पर निर्भर करता है।
1. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG):
- 1 साल से अधिक समय के निवेश पर होने वाले गेन।
- ₹1 लाख तक LTCG टैक्स फ्री है।
- ₹1 लाख से अधिक पर 10% टैक्स लगता है।
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG):
- 1 साल से कम समय के निवेश पर होने वाले गेन।
- इस पर 15% टैक्स लगता है।
2. डेट म्यूचुअल फंड्स
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG):
- 3 साल से अधिक समय के निवेश पर।
- इस पर 20% टैक्स लगता है (इंडेक्सेशन लाभ के साथ)।
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG):
- 3 साल से कम समय के निवेश पर।
- यह आपकी इनकम स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होता है।
3. हाइब्रिड फंड्स
- टैक्सेशन फंड के इक्विटी और डेट अलोकेशन पर निर्भर करता है।
- यदि फंड में इक्विटी अलोकेशन 65% से अधिक है, तो इसे इक्विटी फंड माना जाएगा।
म्यूचुअल फंड रिटर्न को टैक्स फ्री बनाने के तरीके
1. ELSS (Equity Linked Savings Scheme) में निवेश करें
- टैक्स लाभ:
- ELSS फंड्स धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक टैक्स छूट प्रदान करते हैं।
- इसमें लॉक-इन अवधि सिर्फ 3 साल है, जो अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों की तुलना में कम है।
- लॉन्ग टर्म रिटर्न:
- ELSS में निवेश से आपको इक्विटी ग्रोथ और टैक्स सेविंग का दोहरा लाभ मिलता है।
- उदाहरण:
- यदि आप ₹1.5 लाख ELSS में निवेश करते हैं और आपका टैक्स स्लैब 30% है, तो आप ₹46,800 (₹1.5 लाख × 30% + 4% सेस) तक टैक्स बचा सकते हैं।
2. लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करें
- इक्विटी फंड्स में 1 साल से अधिक और डेट फंड्स में 3 साल से अधिक समय तक निवेश करने से टैक्स का बोझ कम हो सकता है।
- इंडेक्सेशन का लाभ:
- डेट फंड्स में 3 साल से अधिक निवेश पर इंडेक्सेशन लाभ मिलता है, जिससे टैक्स योग्य राशि कम हो जाती है।
3. Dividend Option का उपयोग करें
- म्यूचुअल फंड्स में डिविडेंड विकल्प चुन सकते हैं।
- हालांकि, डिविडेंड अब टैक्सेबल है, लेकिन इसे नियमित आय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. Systematic Withdrawal Plan (SWP) का उपयोग करें
- SWP (Systematic Withdrawal Plan) आपको निवेश से नियमित राशि निकालने की सुविधा देता है।
- यह निकासी कैपिटल गेन और प्रिंसिपल का मिश्रण होती है, जिससे टैक्स देनदारी कम हो जाती है।
- उदाहरण:
- यदि आपने ₹10 लाख निवेश किए और SWP के तहत हर महीने ₹10,000 निकालते हैं, तो पहले साल में टैक्स केवल कैपिटल गेन पर लगेगा।
5. Tax Harvesting का उपयोग करें
- टैक्स हार्वेस्टिंग का मतलब है हर साल ₹1 लाख तक का LTCG निकालकर इसे टैक्स फ्री बनाना।
- इससे आप अगले साल के लिए नए LTCG का लाभ उठा सकते हैं।
6. Debt Funds में SIP करें और होल्डिंग पीरियड बढ़ाएं
- डेट फंड्स में SIP के जरिए निवेश करके और इसे 3 साल से अधिक तक बनाए रखकर टैक्स योग्य गेन को कम किया जा सकता है।
टैक्स फ्री रिटर्न के लिए सही म्यूचुअल फंड्स
1. ELSS फंड्स (टैक्स सेविंग के लिए)
- Axis Long Term Equity Fund
- Mirae Asset Tax Saver Fund
- Canara Robeco Equity Tax Saver Fund
2. इक्विटी फंड्स (लंबी अवधि के लिए)
- SBI Bluechip Fund
- HDFC Index Fund – Sensex Plan
- ICICI Prudential Large & Mid Cap Fund
3. डेट फंड्स (कम जोखिम के लिए)
- ICICI Prudential Corporate Bond Fund
- SBI Magnum Income Fund
- Aditya Birla Sun Life Short Term Fund
4. हाइब्रिड फंड्स (संतुलित निवेश के लिए)
- HDFC Hybrid Equity Fund
- ICICI Prudential Balanced Advantage Fund
ध्यान रखने योग्य बातें
- लंबी अवधि के लिए निवेश करें
- टैक्स को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है, फंड्स को लंबे समय तक होल्ड करना।
- सही फंड का चयन करें
- अपने वित्तीय लक्ष्यों और टैक्स प्लानिंग के आधार पर फंड चुनें।
- SIP के जरिए निवेश करें
- SIP टैक्स को कुशलता से मैनेज करने में मदद करता है।
- टैक्स नियमों की जानकारी रखें
- टैक्स नियमों में बदलाव के अनुसार अपनी रणनीति अपडेट करते रहें।
- फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद लें
- यदि टैक्स प्लानिंग जटिल लग रही हो, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।
निष्कर्ष
“कैसे करें अपने म्यूचुअल फंड रिटर्न को टैक्स फ्री” यह समझना हर निवेशक के लिए जरूरी है। ELSS जैसे टैक्स सेविंग फंड्स, लॉन्ग टर्म निवेश, और SWP जैसी रणनीतियां अपनाकर आप टैक्स का बोझ कम कर सकते हैं। सही जानकारी और योजनाबद्ध निवेश से आप अपने रिटर्न को टैक्स फ्री बनाने के साथ-साथ वित्तीय लक्ष्यों को भी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।