चेक का उपयोग अब भी लेनदेन के लिए एक भरोसेमंद माध्यम है। लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि चेक के पीछे साइन (Signature) कब और क्यों करना पड़ता है। अगर आप भी चेक का उपयोग करते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि सही प्रक्रिया न अपनाने पर आपका चेक अमान्य हो सकता है।
आइए, जानते हैं बैंक चेक से जुड़े नियमों और चेक के पीछे साइन करने की स्थिति के बारे में विस्तार से।
चेक के पीछे साइन कब करना जरूरी है?
- जब चेक को इंडोर्स करना हो (Endorsement Purpose):
- यदि आप किसी को चेक ट्रांसफर कर रहे हैं (जैसे किसी थर्ड पार्टी को), तो आपको चेक के पीछे साइन करना होता है। इसे एंडोर्समेंट कहते हैं।
- उदाहरण: अगर आपने किसी के नाम का चेक लिखा है और वह व्यक्ति इसे किसी और को ट्रांसफर करना चाहता है, तो चेक के पीछे उसका सिग्नेचर होना चाहिए।
- जब चेक कैश करना हो (Encashment at Counter):
- अगर आप अपने खाते से चेक द्वारा नकद धनराशि निकालना चाहते हैं, तो आपको चेक के पीछे साइन करना जरूरी है।
- यह बैंक के रिकॉर्ड में यह सुनिश्चित करता है कि भुगतान सही व्यक्ति को किया गया है।
- अकाउंट पेयी चेक (Account Payee Cheque):
- अकाउंट पेयी चेक के मामले में साइन तब जरूरी होता है, जब चेक धारक इसे अपने खाते में जमा करता है।
- इससे बैंक को पता चलता है कि चेक सही खाताधारक ने जमा किया है।
- जब बैंक मांगे प्रमाण (Verification Purpose):
- अगर बैंक को चेक से संबंधित किसी संदेह का समाधान करना हो, तो वे चेक के पीछे साइन करने को कह सकते हैं।
चेक के पीछे साइन करने का सही तरीका
- सही जगह साइन करें:
- चेक के पीछे दिए गए सिग्नेचर बॉक्स में ही साइन करें।
- बॉक्स के बाहर साइन करने से चेक रिजेक्ट हो सकता है।
- सही हस्ताक्षर का उपयोग करें:
- वही सिग्नेचर करें, जो आपके बैंक रिकॉर्ड में दर्ज है।
- क्लियर और लेजिबल सिग्नेचर:
- हस्ताक्षर स्पष्ट और पढ़ने योग्य होना चाहिए।
चेक के पीछे साइन से जुड़े सामान्य नियम
- डबल सिग्नेचर से बचें:
- चेक के दोनों तरफ सिग्नेचर करना जरूरी नहीं है, जब तक कि बैंक इसे न कहे।
- चेक धारक ही साइन करें:
- सिग्नेचर केवल चेक धारक को ही करना चाहिए।
- बैंक अधिकारी से पुष्टि करें:
- यदि आपको साइन करने को लेकर कोई संदेह है, तो बैंक के अधिकारी से मदद लें।
क्या होता है अगर गलत जगह साइन कर दिया जाए?
- चेक रिजेक्ट हो सकता है:
- गलत जगह साइन करने या सही सिग्नेचर न होने पर चेक अमान्य हो सकता है।
- भुगतान में देरी:
- गलत सिग्नेचर की वजह से चेक प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
- अतिरिक्त वेरिफिकेशन:
- बैंक आपसे अतिरिक्त दस्तावेज या पहचान प्रमाण की मांग कर सकता है।
एंडोर्समेंट चेक और अकाउंट पेयी चेक में अंतर
विशेषताएं | एंडोर्समेंट चेक | अकाउंट पेयी चेक |
---|---|---|
उद्देश्य | थर्ड पार्टी को चेक ट्रांसफर करना | खाते में चेक जमा करना |
सिग्नेचर जरूरी | हां | हां |
सुरक्षा | कम सुरक्षित | अधिक सुरक्षित |
बैंक चेक से जुड़े अन्य जरूरी नियम
- चेक लिखते समय सावधानी बरतें:
- सिग्नेचर और राशि दोनों स्पष्ट लिखें।
- चेक पर कोई कटिंग न करें।
- पोस्ट डेटेड चेक का उपयोग करें:
- अगर आप भविष्य की तारीख का चेक जारी कर रहे हैं, तो तारीख साफ-साफ लिखें।
- ओवरड्राफ्ट चेक न करें:
- यह सुनिश्चित करें कि आपके खाते में पर्याप्त धनराशि हो।
- खराब चेक का इस्तेमाल न करें:
- अगर चेक पर दाग या फटा हुआ हो, तो उसका उपयोग न करें।
निष्कर्ष
चेक के पीछे साइन करना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो आपके लेनदेन को सुरक्षित और वैध बनाती है। यह जानना जरूरी है कि किन परिस्थितियों में साइन करना अनिवार्य है और इसे कैसे सही तरीके से किया जाए। बैंक नियमों का पालन करके आप अपने चेक से जुड़े लेनदेन को सरल और परेशानी मुक्त बना सकते हैं।